MA Semester-1 Home Science Paper-III (Core) - Community Development and Extension Management - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
लोगों की राय

बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।

उत्तर -

'सामुदायिक विकास योजना का संगठन
(Organisation of Community Development Programme)

सामुदायिक विकास योजना के कार्यक्रम को चलाने के लिए जनता और सरकार दोनों का सहयोग आवश्यक है क्योंकि यह लोगों की भलाई के लिए उनके उत्थान के लिए चलाया गया है। अतः प्रशासन में जनता को भी सहभागी बनाया गया है। केन्द्र से लेकर पंचायत स्तर तक सरकार व जनता का संयुक्त प्रशासन होता है, जो एक-दूसरे को सलाह मशविरा देते हैं। भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के उद्देश्य से प्रशासन को पाँच स्तरीय बनाया गया है। ये पाँचों स्तर निम्न प्रकार से हैं-

(1) केन्द्रीय स्तर - सामुदायिक विकास कार्यक्रम की प्रथम कल्पना भी केन्द्रीय स्तर पर ही की गई। केन्द्रीय सरकार ही सामुदायिक विकास नीतियों का निर्धारण करती है तथा कार्यक्रम नियोजन कर उसके क्रियान्वयन हेतु धन उपलब्ध करवाती है प्रारम्भ में यह कार्यक्रम योजना आयोग के आधीन सामुदायिक योजना प्रशासन के पास था। सामुदायिक योजना प्रशासन ही कार्यक्रम की योजना क्रियान्वयन हेतु धन की व्यवस्था, कार्यक्रमों का मूल्यांकन कर आवश्यकतानुसार परिर्वतन करता था। किन्तु अब इसमें परिवर्तन कर केन्द्रीय स्तर पर प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय विकास परिषद् समिति बनाई जाती है। प्रधानमन्त्री लोकसभा की सलाह को आधार मान कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते हैं। केन्द्र में अधिकारी स्तर पर इस समिति में कृषि मंत्रालय, सामुदायिक विकास, सहकारिता तथा पंचायत मन्त्रालय भी जुड़ा है तथा इसके सदस्य प्रधानमन्त्री के साथ-साथ कृषि मन्त्री, सामुदायिक विकास मंत्री तथा योजना आयोग के सदस्य होते हैं। उपरोक्त मन्त्रालयों को मिलाकर एक सलाहकार बोर्ड बनाया जाता है जिसमें इन मन्त्रालयों के अतिरिक्त खाद्य, वित्त, शिक्षा, समाज, वैज्ञानिक अनुसंधान मन्त्रालय के मन्त्री होते हैं। ग्रामीणों के सम्पूर्ण विकास का अर्थ है हर क्षेत्र का विकास अतः हर क्षेत्र के मन्त्रालय के मन्त्री सलाहकार बोर्ड के सदस्य होते हैं जो आवश्यकतानुसार आवश्यक सलाह देते हैं।

(2) राज्य स्तर - राज्य स्तर पर राज्य विकास परिषद् कार्य करती है जिसका अर्थ राज्य में सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को फैलाना तथा उसका लाभ आम लोगों तक पहुँचाना है। इस परिषद् का अध्यक्ष मुख्यमन्त्री होता है। राज्य विकास परिषद् के सदस्य कृषि, सिंचाई, सहकारिता, वित्त व शिक्षा आदि मन्त्रालयों के सदस्य होते हैं तथा विकास आयुक्त सचिव होता है। इस परिषद् के द्वारा राज्य की आवश्यकताओं तथा समस्याओं पर विचार किया गया है। पूरे प्रान्त में इस परिषद् का कार्य सामुदायिक विकास योजना को चलाना होता है। विधान सभा इस परिषद् को समय-समय पर सलाह मशविरा भी देती है।

अधिकारिक पक्ष में विकास आयुक्त कार्य पालक अधिकारी होता है। वह विभिन्न विकास विभागों से कार्यों में समन्वय करने का काम करता है। विकास आयुक्त, विकास सचिव के रूप में प्रदेश के विकास मन्त्री की सहायता करता है।

गैर-अधिकारी स्तर पर एक प्रादेशिक विकास समिति (State Development Committee) होती है। इस समिति में निम्न सदस्य रहते है -

(1) मुख्यमन्त्री (अध्यक्ष)।
(2) विकास मन्त्रालयों कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा लोक निर्माण विभाग के मन्त्री।
(3) विकास आयुक्त  जो समिति के सचिव का कार्य करता है।

(3) जिला स्तर - जिला स्तर पर जिला नियोजन समिति गठित की जाती है जिसका अध्यक्ष जिलाधीश ह। ता है तथा समिति का संचालन जिला विकास अधिकारी करता है। यह समिति अपने जिले में सामुदायिक विकास कार्यक्रम का संचालन करती है। जिन राज्यों में पंचायत राज्य है (प्रायः सभी राज्यों में) वहाँ जिला परिषद् गठित होता है जिसके सदस्य जनता के चुने प्रतिनिधि, विकास खण्ड अधिकारी तथा पंचायत समिति के अध्यक्ष होते हैं। जिले की विधानसभा तथा लोकसभा के सदस्य भी इसमें सम्मिलित किये जाते हैं। जिला नियोजन अधिकारी इस जिला परिषद् का सचिव होता है। जिला परिषद् जिला के विकास कार्यों की देख-रेख करती है। जिला नियोजन समिति का अध्यक्ष जनता की समस्याओं के निवारण हेतु उचित कार्यवाही की सलाह तथा निर्देशन देता है।

(4) खण्ड स्तर - क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय समिति (Block Committee) जिसे ब्लॉक विकास समिति कहते हैं। स्थानीय संसद सदस्य, विधान सभा सदस्य तथा अन्य सरकारी और गैर सरकारी व्यक्ति इस समिति के सदस्य होते हैं। खण्ड विकास अधिकारी (BDO) इसका मन्त्री होता है। जनता में से चुना गया कोई व्यक्ति इसका प्रधान होता है जिसे 'प्रमुख' कहते हैं। समस्त सहायक विकास अधिकारी (ADO) सहायक उप विद्यालय निरीक्षक (S.D.I.) सिंचाई विभाग या जिलेदार और क्षेत्र कानूनगो इस समिति के सदस्य होते हैं। विकास खण्ड के सभी विषय विशेष इस समिति के सदस्य होते हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम सभा के प्रधान, सहकारी समितियों के सरपंच भी इस समिति के सदस्य होते हैं। ब्लाक स्तर पर इन सभी की देख-रेख में विकास कार्य चलाना है। समिति के ये सभी सदस्य अपना एक अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के संचालन हेतु विभिन्न समितियों का गठन भी किया जाता है।

जिन राज्यों में पंचायत राज अपना लिया गया है उन राज्यों में अधिकारी स्तर पर एक खण्ड विकास अधिकारी (Block Development Officer) (B.D.O.) एक लोकसभा सदस्य तथा एक खण्ड विकास प्रशासक (Block Development Administrator) तथा प्रसार अधिकारी रहते हैं। खण्ड विकास प्रशासक प्रसार अधिकारियों के कार्य का समन्वय करता है तथा कार्यक्रम का प्रशासन करता है। प्रत्येक खण्ड पर 8 अधिकारी होते हैं तथा ये प्रसार अधिकारी अपने विशेष क्षेत्र में कार्य करते हैं; जैसे - कृषि, पशुचिकित्सा, पशुपालन, सामाजिक शिक्षा, कुटीर उद्योग, सहकारिता, स्वास्थ्य, पंचायत तथा लोक कार्य।

गैर अधिकारी स्तर पर एक खण्ड पंचायत समिति रहती है। इस सीमिति में सरपंच होता है तथा महिला तथा अनुसूचित वर्गों के सहयोजित सदस्य रहते हैं। विभिन्न स्वयंसेवी सरपंच के सहयोगी सदस्य अपने-अपने विशिष्ट क्षेत्रों में पंचायत के कार्यों की पूर्ति करते हैं।

(5) ग्रामीण स्तर (Village Level) - ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत होती है। ग्राम पंचायत का प्रधान इसका प्रमुख होता है। ग्रामीण विकास हेतु यह प्रधान पंचायत मन्त्री, ग्राम सेवक, ग्राम सेविका की मदद से कार्य करता है पंचायत की विकास समिति ग्रामीण विकास कार्यों हेतु बजट बनाना, कुँआ खुदवाना, विद्यालय बनवाना, सड़कें बनवाना, तालाब : खुदवाना, स्वास्थ्य की देख-रेख तथा श्रमदान जैसी क्रियाएँ सम्पन्न करवाती हैं। ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता एक बहुउद्देशीय एजेन्ट की भूमिका निभाते हैं। गैर सरकारी स्तर पर पंचायत सम्पूर्ण कार्यक्रम पर नियन्त्रण रखती है जिसमें विभिन्न सहयोगी संगठन उसकी मदद करते

...पीछे | आगे....

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book